व्यक्तित्व
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आप जब भी किसी नए व्यक्ति के साथ मिलें तो पूर्ण आत्मविश्वास के साथ मिलें ,आपके साथ उनकी प्रथम मीटिंग इतनी नपी तुली और सटीक जवाबों के साथ हो की आपके जाने के बाद भी वो इंसान आपके व्यक्तित्व को याद रख पाए …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अपनी बातों को रखने से ज्यादा महत्वपूर्ण है अत्यंत धैर्य के साथ सामने वाले को सुनना ,अगर आप उनकी बातों को बीच बीच में ही काटेंगे तो वो इग्नोरेंस लगेगा , अधिकांशतः व्यक्ति इसी जगह पर मात खाते हैं …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कभी भी बुरे विचार -संस्कार -संगत -व्यक्ति को अपनाना नहीं चाहिए ,अच्छे -अनुभवी -ईमानदार -सच्चे व्यक्ति को ठुकराना नहीं चाहिए और मूर्ख व्यक्ति को कभी जवाब नहीं देना चाहिए और ना ही उसके साथ समय का अपव्यय करना चाहिए …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की जब भी किसी भी व्यक्ति से बातचीत करें आँखों में आँख डाल कर या आँखें मिला कर एक शिष्टाचार पूर्ण लहजे में ,और बातें करते समय कभी भी दाएं बाएं ऊपर नीचे या अन्यत्र ना देखें …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?