Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 3 min read

व्यक्तित्व और व्यवहार हमारी धरोहर

जीवन जीना एक कला या आर्ट है, जिसे हम अपने अनुसार जीने की चाहत रखते हैं। जिंदगी जन्म के साथ ही सिर्फ घटती है।
” जिंदगी दर-असल् उलझनों का नाम है, और उसे सुलझाना हमारा काम है।”
इंसान अपने जीवन में सबकुछ श्रेष्ठ चाहता है, और उसके लिए भरपूर प्रयास भी जीवन भर करता रहता है। हमें अपने में नहीं बल्कि जीवन ही बदल जाए ऐसा कुछ करना चाहिए जिसके लिए हमें अपने व्यक्तित्व और व्यवहार पर काम करना चाहिए।
जीवन में बुलंदी पर पहुंचना चाहते हो तो अपने अंदर झांको और सकारात्मक परिवर्तन करो।
क्योंकि यदि – सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो एक अच्छा जूता पहनकर चला जा सकता है, मगर यदि जूते के अंदर एक भी कंकड़ हो तो कुछ कदम चलना भी मुस्किल हो जाता है।
इसलिए हमें वाहरी दुनिया की बजाय अपने आप को अंदर से बदलना है।
अपने आन्तरिक व्यक्तित्व और व्यवहार में निखार लाने का भरपूर प्रयास करना चाहिए।
यदि आप अपने व्यक्तित्व – व्यवहार में सरलता, सहजता, विनम्रता, निर्मलता, श्रेष्ठ भाव, विचार, नजरिया और सकारात्मकता के साथ स्नेहभाव व्यक्तित्व का विकास करने का प्रयास करते हैं। तो निसंदेह आपका व्यक्तित्व प्रसंशनीय एवं संवेदनशील युक्त होगा। आपका व्यवहार लोगों को आकर्षित करेगा। आप लोगों की नजरों में नेक इंसान कहलाएंगे। व्यक्ति अपने जीवन में मान – सम्मान और अपनेपन का आदि होता है।
कहते हैं कि नजर तो सबकी होती ही है, मगर बात नजरिया की होती है। आपका नजरिया इस कदर हो कि आपसे व्यक्ति स्वयं को सहज महसूस करें। आपके अन्तर्मन को पहचान सकें। इसलिए ही कहते हैं कि नजरिया कुछ खास लोगों का ही होता हैं। जब व्यक्तित्व – व्यवहार से जीवन में जब परिवर्तन और निखार आता है, तो संभवत् व्यक्ति संवेदनशील और विनम्रता के लक्षण दिखाई देना लाजमी है। जो एक श्रेष्ठ व्यक्तियों की पहचान है।
किसी ने खूब कहाँ हैं –
“गमों की आंच पर आंसू उबालकर देखों, बनेंगे रंग किसी पर डालकर देखों, तुम्हारें दिल की चुभन जरुर कम होगी, किसी के पांव का कांटा निकाल कर देखों”

व्यक्ति का व्यक्तित्व और व्यवहार उसे उस बुलंदी पर ले जाता है, जहां सिर्फ इंसानियत का अहम् दर्जा माना जाता है।
“जब पाने की चाहत ही ना होती तो बिछड़ने का गम भी क्यों होता ”
जब भी हम अपने व्यक्तित्व और व्यवहार के साथ किसी से रुबरू होते हैं, तो हमारा व्यक्तित्व और व्यवहार सामने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता हैं। फिर भी हमें अपने संस्कारों और अपने अन्तरात्मा से ऐसा अपनापन झलकना चाहिए। जिससे हम हर किसी का दिल जीत सकें। ऐसा व्यक्ति सदैव सबका प्रिय होता हैं। प्रत्येक व्यक्ति से रुबरू होते समय उसे लगे ही नहीं बल्कि ऐसा वास्तविक आपके व्यक्तित्व में होना भी लाजमी है, कि जैसे आप बाहर से दिखते हैं वैसे ही अंदर से होगें। आपका आचरण, सौम्य, सहज और विनम्रता से भरपूर होना चाहिए।
आपका अभिवादन मिलना और बातें करने का लहजा आपके संस्कार और आपकी शिक्षा का दर्शन हैं।
क्योंकि
“डिग्रियां तो महज शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र है, वास्तविक शिक्षा तो वह हैं जो आपके आचरण से झलकती हैं ।”
जब भी आपसे कोई भी व्यक्ति एक बार आपसे रूबरू हो तो उसे पून: आपसे मिलने की चाहत हो और उसके दिल में आपके प्रति सम्मान स्नेह पूर्ण आदर अपनापन नजर आए। व्यक्ति का ऐसा व्यक्तित्व और व्यवहार इंसान को आम से खास बना देता हैं।
धन्यवाद।।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 456 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
Sampada
"पालतू"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी दोस्ती के लायक कोई यार नही
मेरी दोस्ती के लायक कोई यार नही
Rituraj shivem verma
"क्रोधित चिड़िमार"(संस्मरण -फौजी दर्शन ) {AMC CENTRE LUCKNOW}
DrLakshman Jha Parimal
अपने सपनों के लिए
अपने सपनों के लिए
हिमांशु Kulshrestha
हमारे ख्याब
हमारे ख्याब
Aisha Mohan
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
Rekha khichi
సూర్య మాస రూపాలు
సూర్య మాస రూపాలు
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
3325.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3325.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
या खुदा तू ही बता, कुछ शख़्स क्यों पैदा किये।
या खुदा तू ही बता, कुछ शख़्स क्यों पैदा किये।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम्हारे पास ज्यादा समय नही हैं, मौत तुम्हारे साये के रूप मे
तुम्हारे पास ज्यादा समय नही हैं, मौत तुम्हारे साये के रूप मे
पूर्वार्थ
मेरे अंतस में ......
मेरे अंतस में ......
sushil sarna
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
Neelofar Khan
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
Ashwini sharma
*अंतःकरण- ईश्वर की वाणी : एक चिंतन*
*अंतःकरण- ईश्वर की वाणी : एक चिंतन*
नवल किशोर सिंह
*बाढ़*
*बाढ़*
Dr. Priya Gupta
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन का जीवन
जीवन का जीवन
Dr fauzia Naseem shad
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
Chaahat
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
पंकज परिंदा
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
एक विचार पर हमेशा गौर कीजियेगा
शेखर सिंह
जो मिल ही नही सकता उसकी हम चाहत क्यों करें।
जो मिल ही नही सकता उसकी हम चाहत क्यों करें।
Rj Anand Prajapati
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
Surinder blackpen
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
🙅जय जय🙅
🙅जय जय🙅
*प्रणय*
हर तरफ़ घना अँधेरा है।
हर तरफ़ घना अँधेरा है।
Manisha Manjari
* शुभ परिवर्तन *
* शुभ परिवर्तन *
surenderpal vaidya
उलझन !!
उलझन !!
Niharika Verma
Loading...