व्यंग गजल
कुछ नेता आज के बातें बड़ी बेबाक करते हैं
ये मुद्दे छोड़कर बाकी सारी बकवास करते हैं।
कि कहते हैं गरीबी देश की सारी मिटा देंगे।
पर वादे भूल जाते हैं केवल विश्राम करते हैं।
विकास के नाम पर हर रोज एक रोड पास करते हैं।
इधर बनाते जाते हैं उधर उखड़ करते जाते हैं।
रहने को घर नहीं है देश की आधी आबादी को।
मगर एक नहीं दो चार महलों में वास करते हैं।
-विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’
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