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6 Jul 2020 · 1 min read

व्यंग्यबाण

सूरज को जब बादलों ने ढका
भरे दरबार में राजा ने कहा
लगता है रात हो गई है
पास ही बैठे सभासद ने तपाक से कहा
हुजूर मुझे तो तारे भी नजर आ रहे हैं
तारे भी नजर आ रहे

Language: Hindi
10 Likes · 5 Comments · 437 Views
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