वो
आज फिर उनका दीदार हुआ,
जिस पल का था इंतज़ार, पूरा वो इंतज़ार हुआ।।
बहुत मुश्किल है यूं हमारा उनके बिना जीना,
आज उन्हें देखा तो, कुछ पल और जीने का एहसास हुआ।।
एक दर्द सा छुपा था, उनके हस्ते हुए चेहरे के पीछे,
जिसे हमारी नजर से कहां उनको छुपाना है आया।।
मुस्कुरा रहे थे वो सबके सामने महफ़िल में,
इस बात से अनजान की,
हमें बिन बताए ही दर्द उनका नजर है आया।।
दूरियां भले ही हो आज हमारे दरमियान,
पर यह दर्द के एहसास हमेशा ही हमे साथ है लाया।।