Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2017 · 1 min read

!!! वो ही वकत !!!

जिस पल
में तुम से मिला
था, मेरा मन
वो वक्त फिर लौट के ना आया
जिस पल
धडका था मेरा दिल
वो फिर लौट कर न आया
उस वक्त को
नमन कर लू
जिस वक्त था
रब से तुम से मुझ को
मिलवाया
कितनी शालीनता
कितनी शर्म थी
कितना मधुर था
वो गुजरा हुआ वकत
आज भी बैठा
तलाशता हूँ, मैं
वो बीत चूका वक्त
नहीं लौट के आएगा
न वो तुम को
वापिस
ला सकेगा, बस
अश्रू ही रहेंगे मेरी आँखों में
तुम को और तुम्हारे
गुजरे हुए वक्त
की इन्तेजार में,
बस ख़ामोशी ही है
और कुछ
नहीं मेरी इस
आगोश में..
मेरी इस आगोश में..

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all

You may also like these posts

आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो..
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो..
कवि दीपक बवेजा
रंज-ओ-सितम से दूर फिरसे इश्क की हो इब्तिदा,
रंज-ओ-सितम से दूर फिरसे इश्क की हो इब्तिदा,
Kalamkash
विश्वास पर आघात
विश्वास पर आघात
ललकार भारद्वाज
गरीबी
गरीबी
Dr.sima
मौत
मौत
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
कर्त्तव्य के विरुद्ध हो
कर्त्तव्य के विरुद्ध हो
Er.Navaneet R Shandily
स्पर्श
स्पर्श
Kanchan Advaita
नववर्ष
नववर्ष
कुमार अविनाश 'केसर'
😢
😢
*प्रणय*
*पानी सबको चाहिए, सबको जल की आस (कुंडलिया)*
*पानी सबको चाहिए, सबको जल की आस (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रौनक़े  कम  नहीं  है  चाहत  की,
रौनक़े कम नहीं है चाहत की,
Dr fauzia Naseem shad
अगर तलाश करूं कोई मिल जायेगा,
अगर तलाश करूं कोई मिल जायेगा,
शेखर सिंह
#ਮੁਸਕਾਨ ਚਿਰਾਂ ਤੋਂ
#ਮੁਸਕਾਨ ਚਿਰਾਂ ਤੋਂ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*रिश्तों मे गहरी उलझन है*
*रिश्तों मे गहरी उलझन है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हां तुम दीवाने हो
हां तुम दीवाने हो
Jyoti Roshni
संस्कार
संस्कार
Dr.Pratibha Prakash
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
*तंजीम*
*तंजीम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
3165.*पूर्णिका*
3165.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ी अजब है प्रीत की,
बड़ी अजब है प्रीत की,
sushil sarna
हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं आराधना तेरी
हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं आराधना तेरी
Buddha Prakash
अपराजिता
अपराजिता
Shashi Mahajan
गम जरूरी है
गम जरूरी है
पूर्वार्थ
मन से हरो दर्प औ अभिमान
मन से हरो दर्प औ अभिमान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सजा मेरे हिस्से की उनको बस इतनी ही देना मेरे मौला,
सजा मेरे हिस्से की उनको बस इतनी ही देना मेरे मौला,
Vishal babu (vishu)
कह दें तारों से तू भी अपने दिल की बात,
कह दें तारों से तू भी अपने दिल की बात,
manjula chauhan
महंगाई एक त्यौहार
महंगाई एक त्यौहार
goutam shaw
Loading...