वो हाथ
वो हाथ
कस कर पकड़ा
फिर भी
इन हाथों से
यूं फिसल गया
वो हाथ
जैसे इस हाथ का
कभी कोई तालुकात
नहीं रहा
उस हाथ से
अनजान हैं आज
दोनों हाथ
एक-दूसरे से
दोनों हाथों ने थाम लिए
अन्य दो-दो हाथ
सदा के लिए
-विनोद सिल्ला
वो हाथ
कस कर पकड़ा
फिर भी
इन हाथों से
यूं फिसल गया
वो हाथ
जैसे इस हाथ का
कभी कोई तालुकात
नहीं रहा
उस हाथ से
अनजान हैं आज
दोनों हाथ
एक-दूसरे से
दोनों हाथों ने थाम लिए
अन्य दो-दो हाथ
सदा के लिए
-विनोद सिल्ला