Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2020 · 1 min read

वो सत्ता के चारण निकले……

कुछ मृत्यु के भय से ताला, देकर बैठे होठों पर !
कुछ दुनिया से विरक्त हुऐ, ईमान बेच कर नोटो पर!

कितने वस्त्र हरण बाकी हैं, अभी और मानवता के,
कुछ अपना लंगोट रखे, गिरवी बैठे हैं कोठों पर !!

शब्दों को नीलाम किये हैं,सोच को पहरेदार किये हैं,
कब तक किश्मत अजमाओगे, तुम भी सिक्के खोटों पर !!

आग क्रान्ति की लिखने वाले, मिशन भूल कर बैठे हैं,
कितना और विश्वास करें इन, बे पैंदी के लोटों पर !!

जिनको हमने खड़ा किया था, बात हक्क की कहने को,
वो सत्ता के चारण निकले, जीत हमारी वोटों पर !!
लोकेन्द्र ज़हर

4 Likes · 3 Comments · 492 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समय
समय
नूरफातिमा खातून नूरी
धार तुम देते रहो
धार तुम देते रहो
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
आजकल नहीं बोलता हूं शर्म के मारे
Keshav kishor Kumar
" हकीकत "
Dr. Kishan tandon kranti
शाम
शाम
Kanchan Khanna
रुत चुनावी आई🙏
रुत चुनावी आई🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
सत्य कुमार प्रेमी
श्री राधा मोहन चतुर्वेदी
श्री राधा मोहन चतुर्वेदी
Ravi Prakash
Love Letter
Love Letter
Vedha Singh
सच तो लकड़ी का महत्व होता हैं।
सच तो लकड़ी का महत्व होता हैं।
Neeraj Agarwal
#आज_की_सार्थकता
#आज_की_सार्थकता
*प्रणय*
पागल सा दिल मेरा ये कैसी जिद्द लिए बैठा है
पागल सा दिल मेरा ये कैसी जिद्द लिए बैठा है
Rituraj shivem verma
3126.*पूर्णिका*
3126.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
पूर्वार्थ
जाते जाते कुछ कह जाते --
जाते जाते कुछ कह जाते --
Seema Garg
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
Shweta Soni
जब तक इंसान धार्मिक और पुराने रीति रिवाजों को तर्क के नजरिए
जब तक इंसान धार्मिक और पुराने रीति रिवाजों को तर्क के नजरिए
Rj Anand Prajapati
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
Kshma Urmila
पश्चातापों की वेदी पर
पश्चातापों की वेदी पर
Suryakant Dwivedi
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं
shabina. Naaz
हिंदी दोहा-कालनेमि
हिंदी दोहा-कालनेमि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
त्याग
त्याग
Punam Pande
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
खूबसूरती
खूबसूरती
Ritu Asooja
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
sushil sarna
Erikkappetta Thalukal
Erikkappetta Thalukal
Dr.VINEETH M.C
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
Loading...