वो शाम आएगी by Vinit Singh
वो शाम आएगी वो शाम आएगी
नाम जिनका जपते रहे सदियों से लबों पर
उनके लब पे भी इक दिन मेरी नाम आएगी
वो शाम आएगी वो शाम आएगी
वो भी लेते होंगे मेरा नाम तन्हाई में
दिन कहीं बित जाए ना यूं ही रुसवाई में
एक दिन उनके लबों पे सरेआम आएगी
वो शाम आएगी वो शाम आएगी
लाख नफरत है मुझे आज इन मयखानों से
एक दिन मेरी दवा में ये जाम आएगी
वो शाम आएगी वो शाम आएगी
~विनीत सिंह
विनीत सिंह शायर