वो मुझे “चिराग़” की ख़ैरात” दे रहा है वो मुझे “चिराग़” की ख़ैरात” दे रहा है उसे बताओ मैं “चांद” ठुकरा के आई हूँ.!! डॉ तबस्सुम जहां