#वो मुझको याद रहेगा
जो भी दिया मुझे प्रभु ने वो,
वंदनीय सदा रहेगा।
मैं उसको पलपल याद रहूँ,
वो मुझको याद रहेगा।।
नेक कर्म की ख़ुशियाँ दी हैं,
संस्कारों का सार दिया।
हर संकट में सफल किया है,
इतना मुझको प्यार दिया।
ठोकर देकर सीख दिलाई,
दिल से आभार रहेगा।
मैं उसको पलपल याद रहूँ,
वो मुझको याद रहेगा।।
दया धर्म के रत्न दिए हैं,
सहनशील उद्गार दिए।
पर जीवों का मान दिया है,
रिश्तों के उपहार दिए।
मन-मंदिर में उसकी पूजा,
दिल में व्यवहार रहेगा।
मैं उसको पलपल याद रहूँ,
वो मुझको याद रहेगा।।
चाल चलन में सुंदरता दी,
समता का आभास दिया।
नव शब्दों की पूँजी देकर,
चिंतन का हर स्वास दिया।
रोम-रोम पर ऋण उसका है,
उससे साकार रहेगा।
मैं उसको पलपल याद रहूँ,
वो मुझको याद रहेगा।।
(C) आर.एस.”प्रीतम”