वो महक उठे —————
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वो महक उठे महफिल में खुशबू-ए-महफिल नजारा बनकर ,
सिद्धत से उठे हम भी महफिल का एक किनारा बनकर |
वो कहने लगे रुक जाओ तेरा वजूद नहीं इस दुनिया में ;
हमने कहा चमकेगे एक दिन, हम भी ज़मीं पर सितारा बनकर ||
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लक्ष्मण ‘बिजनौरी’
22-जुलाई-2022