वो भी उदास है
रात के आंगन में आज पलकों की परियां उदास है
चाॅंद जो उतरा है सर-ए-बाम आज वो भी उदास है
वो जो कभी आता नहीं चैबारे में मेरे उसके आंगन से
एक तीतली आई थीं उससे पूछा क्या वो भी उदास है
~ सिद्धार्थ
रात के आंगन में आज पलकों की परियां उदास है
चाॅंद जो उतरा है सर-ए-बाम आज वो भी उदास है
वो जो कभी आता नहीं चैबारे में मेरे उसके आंगन से
एक तीतली आई थीं उससे पूछा क्या वो भी उदास है
~ सिद्धार्थ