वो बचपन कितना प्यारा था
वो बचपन कितना प्यारा था,
वह जग कितना न्यारा था,
चारो तरफ भाईचारा था,
निराशा से कोई न हारा था,
कितना गहरा याराना था,
कही कोई वीराना न था,
सारा गाँव हमारा घर था,
किसी का न कोई डर था,
मिट्टी से नाता गहरा था,
चिट्टी से प्यार पर पहरा था,
समय का आया एक दौर,
बदलाव का लाया एक भौर ,
नही बचे वह फुर्सत के पल,
रिश्तों के बुन गए अब जाल,
दो पल गुनगुना लेते ,
अपनो की याद समेट लेते,
।।।।जेपीएल।।।