वो पहलू में आयें तभी बात होगी।
गज़ल
122….122…..122….122
वो पहलू में आयें तभी बात होगी।
न यूं ही हमारी मुलाकात होगी।
हॅंसेंगे मिलेंगे खिलेंगे भी दो दिल,
मुहब्बत की फिर तेज बरसात होगी।
चलेगी कलम तो करेगी उजाला,
कलम रोक देंगे तभी रात होगी।
हमारा तुम्हारा सफर एक है जब,
तो तय है कहीं तो मुलाकात होगी।
मिलेंगे अगर चे तुम्हें ख्वाब में भी,
वो जीवन की बेशक हॅंसी रात होगी।
मिलेगा तुम्हारा मुझे साथ जिस दिन,
बड़ी खूबसूरत वो सौगात होगी,
सभी चांद तारे गवाही करेंगे,
मिलन की वो प्रेमी गजब रात होगी।
……..✍️ प्रेमी