वो पल मेरे वापस लौटा दो मुझको
वो पल मेरे वापस लौटा दो मुझको।
खुशी मेरी वापस लौटा दो मुझको।।
नहीं चाहिए मुझको दौलत तुम्हारी।
हंसी मेरी वापस लौटा दो मुझको।।
वो पल मेरे वापस———————।।
खता मुझसे ज्यादा तो की है तुमने।
दिखाकर आदतें अपनी मुझको तुमने।।
अब करते हो मुझसे नफरत ऐसे तुम।
वो सपनें मेरे वापस लौटा दो मुझको।।
वो पल मेरे वापस———————-।।
क्यों खेले हो मुझको खिलौना बनाकर।
क्यों हो अब दूर मुझसे हाथ छुड़ाकर।।
मैंने तो निभाया है साथ तुमसे हमेशा।
वो प्यार मेरा वापस लौटा दो मुझको।।
वो पल मेरे वापस———————-।।
तुम क्या निभावोगे मुझसे वफ़ा कभी।
मुझसे अलग है अरमान तुम्हारे सभी।।
मुझको नहीं है कोई जरूरत तुम्हारी।
वो सुकून मेरा वापस लौटा दो मुझको।।
वो पल मेरे वापस———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)