“वो पगली”
चेहरे पर खामोशी सी,
दिल मे उठता है तुफान है.,
बस वो पगली मेरे प्यार से,
बिल्कुल ही अनजान है.,
जिनकी एक मुस्कान पर मेरे,
दिल मे पड़ती जान है.,
बस वो पगली मेरे प्यार से,
बिल्कुल ही अनजान है.,
मुझसे मेरे प्यार का हरदम,
लेती वो इम्तहान है.,
बस वो पगली मेरे प्यार से,
बिल्कुल ही अनजान है.,
वो कहती है…..
मिले तुम्हारा प्यार तुम्हे,
बस इतना सा अरमान है.,
क्या पता है उसको ये,
की वो ही मेरा जहान है.,
चेहरे पर ख़ामोशी सी,
दिल मे उठता तूफान है.,
बस वो पगली मेरे प्यार से,
बिल्कुल ही अनजान है.,
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(((( ज़ैद बलियावी))))