“वो दौर गया साहब, जब एक चावल टटोल कर पूरी हांडी के चावलों की “वो दौर गया साहब, जब एक चावल टटोल कर पूरी हांडी के चावलों की परख हो जाती थी।” 🙅प्रणय प्रभात🙅