वो दे देगा तुम्हें घर..
ख़ुदा रुतबा युँ ही अपना कभी खोने नहीं देगा
सदाक़त इश्क़ में हो तो जुदा होने नहीं देगा
सदा फुसला के रखना दिल को ये नादान बालक है
अगर रोया तो सारी रात फिर सोने नहीं देगा
बदन माटी है ये अश्कों से इतना मत भिगो वर्ना
ग़मों का बोझ ज़्यादा दिन तुम्हें ढोने नहीं देगा
वो जिसने देख ली बुनियाद मज़हब की कहाँ पर है
किसी को बीज नफ़रत का कभी बोने नहीं देगा
खिलौने,खुशियाँ,ज़िल्लत,ग़म है सबकुछ एक कोने में
वो दे देगा तुम्हें घर.. घर के पर कोने नहीं देगा
रुलाकर जो गया बेशक वो अपना हो नहीं सकता
जो अपना होगा वो तुमको कभी रोने नहीं देगा