वो दिन
हमेशा मुस्कुराती हुई, मुस्कुराहट में अपने सारे गम छुपाती हुई,
जो है बच्चों सी खिलखिला कर हसने वाली।।।।
किसी की एक झलक से कभी खुशनुमा होता था उसका हर पल,
आज उसी पल को पाने तरस गया उसका दिल।।
जानता हूं मै बहुत ही अकेली हो गई है वो,
अपने इस सफ़र ए जिंदगी में,
मै साथ होना भी चाहूं, पर कैसे कहूं उससे की,
साथ चलना चाहता हूं मै।।
एक दोस्त, एक साये की तरह,
हर पल पास होना चाहता हूं मै।।।।
पर घबराता हूं, गलत ना समझ ले कोई।।
मेरी इस कोशिश को, कहीं खो ना दूं उसे मै
अपनी इस नादानी से।।।।
एक वक़्त था, जब उसके आने से
खुशनुमा हो उठते थे उसके हर एक दिन,
ना जाने कहां खो गए वो दिन कहां खो गए वो दिन।।।।।