वो दिन गए
आंखों ही आंखों में होती थी बात वो दिन गए
बडी मुश्किल से होती थी मुलाकात वो दिन गए।
भेजो अगर संदेश तो तुरंत जवाब आता है
पहले लिखना फिर वो पहुंचाना पात वो दिन गए।
मिल बैठ बतियाना और गलबहियां सहज है आज
एक झलक को सनम की जगे दिन रात वो दिन गए।
अब न याद न तडपन और न पाने की दुआ कोई
दीवाना बन दुनिया से खाये मात वो दिन गए।
महज जिस्म का आकर्षण रह गया है बस अशोक
दिल से दिल थे मिलते हो तुम्हें ज्ञात वो दिन गए।
अशोक छाबडा