.✍️वो थे इसीलिये हम है…✍️
✍️वो थे इसीलिये हम है…✍️
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पिता..!
हमारे जीवन सृष्टि के है शिल्पकार…
वो है जनक हम उनका अविष्कार…
बिना उनके कैसे मिलता
व्यक्तित्त्व को नया आकार…
संसाररूपी कश्ती के
वो थे मजबूत पतवार
परिवार की बुनियाद का
वो थे सशक्त आधार
वो हमारी सकारात्मक प्रेरना
वो हमारे रचयिता हम उनकी रचना
हम है उनके सृजन का निर्माण
हम है उनके आचार,विचार और
संस्कार का प्रतिबिंब
वो थे इसीलिये हम है…
उनके द्वारा प्रकृति का भाग्य मिला
विश्व में एक सफल धन्य जीवन मिला
केवल पिता ही होते है प्रथम आस
और हमारे जीवन की अंतिम सांस
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✍️”अशांत”शेखर✍️
चंद्रपुर महाराष्ट्र-442401
03/06/2022