Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2023 · 1 min read

वो तीर ए नजर दिल को लगी

वो तीर ए नजर दिल को लगी
***********************

वो तीर ए नजर दिल को लगी,
छलनी जिगर,जान सूली चढ़ी।

पल भर में देखो क्या हो गया,
पागल दिल सपनों में खो गया,
दे कर ज़ख्म,चल दी मनचली।
छलनी जिगर,जान सूली चढी।

आई नहीं हम ने देखी खड़ी,
उन को थी, घर जाने की पड़ी,
बीता दिवस शाम भी थी ढली।
छलनी जिगर,जान सूली चढी।

उनका हम पर,असर इसकदर,
जीवन सफर की हो हमसफ़र,
सितमगर सितम ढा कर चली।
छलनी जिगर,जान सूली चढ़ी।

होंठ गुलाबी रसीले बड़े,
लावण्य रस के हों भरे घड़े,
मादक अदाएं खतरे की घड़ी।
छलनी जिगर,जान सूली चढी।

मनसीरत कदम जमीं पर नहीं,
रुक गई धड़कन दिल की वहीं,
चाँद सितारों की देखी है लड़ी।
छलनी जिगर,जान सूली चढी।

वो तीर ए नजर दिल को लगी,
छलनी जिगर जान सूली चढी।
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
Akash Yadav
“मौन नहीं कविता रहती है”
“मौन नहीं कविता रहती है”
DrLakshman Jha Parimal
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
VINOD CHAUHAN
सपनों की इस आस में,सफलता की भीनी प्यास में,
सपनों की इस आस में,सफलता की भीनी प्यास में,
पूर्वार्थ
सच को कभी तुम छुपा नहीं सकते
सच को कभी तुम छुपा नहीं सकते
gurudeenverma198
Education
Education
Mangilal 713
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
Manisha Manjari
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
श्रद्धा से ही श्राद्ध
श्रद्धा से ही श्राद्ध
Rajesh Kumar Kaurav
माना इंसान अज्ञानता में ग़लती करता है,
माना इंसान अज्ञानता में ग़लती करता है,
Ajit Kumar "Karn"
समा गये हो तुम रूह में मेरी
समा गये हो तुम रूह में मेरी
Pramila sultan
प्यार के काबिल बनाया जाएगा।
प्यार के काबिल बनाया जाएगा।
Neelam Sharma
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
क्या क्या बदले
क्या क्या बदले
Rekha Drolia
*पहले घायल करता तन को, फिर मरघट ले जाता है (हिंदी गजल)*
*पहले घायल करता तन को, फिर मरघट ले जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज नींद है ,जो इंसान के कुछ समय के ल
दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज नींद है ,जो इंसान के कुछ समय के ल
Ranjeet kumar patre
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
माना तुम रसखान हो, तुलसी, मीर, कबीर।
माना तुम रसखान हो, तुलसी, मीर, कबीर।
Suryakant Dwivedi
ये मतलबी ज़माना, इंसानियत का जमाना नहीं,
ये मतलबी ज़माना, इंसानियत का जमाना नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चॉकलेट
चॉकलेट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
* ये शिक्षक *
* ये शिक्षक *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कठपुतली
कठपुतली
Shyam Sundar Subramanian
"गुजारिश"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यारी प्यारी सी
प्यारी प्यारी सी
SHAMA PARVEEN
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
गंगा अवतरण
गंगा अवतरण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
Mahender Singh
जहर    ना   इतना  घोलिए
जहर ना इतना घोलिए
Paras Nath Jha
Loading...