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28 Jun 2024 · 1 min read

वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।

वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।
जैसे उसकी गली से मेरा जनाज़ निकला ।
और जिसको चाहा मैंने इश्क़ से बढ़कर हमदम ।
वो बेवफा मेरे खून का प्यासा निकला ।।
Phool gufran

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