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23 Jan 2023 · 1 min read

वो जो हमसे दूर हो गए…!!!!

तुम जो हमसे दूर हो गए…
करीब इस कदर हुए फिर,
कि हमारी नज़्मों में मशहूर हो गए…
हमारे दिल की सल्तनत पर,
हुकूमत यूँ रही तुम्हारी-
कि तुम हमारे सरकार हो गए…
ठोकर खाकर,
मोहब्बत में हम भी समझदार हो गए…
ये दिल नादान-
एतबार कर बैठा झूठ पर उसके,
झूठ दिखा ही नहीं नूर पर उसके…
इस दिल का रहा तुम से राब्ता,
कैसे कहें-
की नहीं हमारा तुमसे कोई वास्ता…
वह जो कभी मेरी आंखों का,
हुआ करते थे चमकता आफताब…
आज चेहरे पर,
लगाए फिर रहे हैं दोहरा नकाब…
यूँ बरकरार रही मोहब्बत की तिश्नगी,
ज़ुल्मत है हमारे मुस्तकबिल में-
जी रहे हैं तुम्हारे बिन ये तन्हा ज़िंदगी…
दिले तमन्ना है कि…
फिर एक मुलाकात हो जाए,
हमारे प्यार का उन्हें एहसास हो जाए…
कभी मिले राह में,
आँखों ही आँखों में उनसे बात हो जाए…
काश ज़िंदगी में फिर खुशियोँ की बहार हो,
शिकवे- गिले भुलाकर गलतियाँ सारी माफ़ हो जाए….!!!!
-ज्योति खारी

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