ऐ मां वो गुज़रा जमाना याद आता है।
तेरी गोद में बैठकर आँसू बहाना याद आता है,
ऐ माँ वो गुज़रा जमाना याद आता है।
वो बचपन के दिन, वो शरारतें, वो शैतानियां मेरी,
वो पड़ोसी के घर का सामान तोड़ना,
वो पड़ोसी की शिकायत और तेरा मेरे कान मरोड़ना।
वो तेरा मुझे पीटना फिर खुद रोना,
वो रोते–रोते मेरे आंसुओं को पोंछना याद आता है।
तेरी गोद में बैठकर आँसू बहाना याद आता है,
ऐ माँ वो गुज़रा जमाना याद आता है।
मैं जानता हूँ कि सर पे मेरे सदा तेरा हाथ है,
कोई हो ना हो फिर भी सदा मेरे साथ है,
जब अकेला होता हूँ, तो जी करता है तेरी याद में खो जाऊँ,
मैं फिर से बच्चा हो जाऊंँ और तेरी गोद में सो जाऊंँ,
वो तेरा मेरे सर को सहलाना और मुझे सुलाना याद आता है
तेरी गोद में बैठकर आँसू बहाना याद आता है,
ऐ माँ वो गुज़रा जमाना याद आता है।।
©अभिषेक पाण्डेय अभि
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