वो ख्वाब
हर वो ख्वाब
जो पूरे हुए
भला निहित
रहा होगा सबका
साकार हो वही
अच्छा है ।
.
टूट जाये भले,
हर वो ख्वाब,
जो सीमित हो,
सिर्फ़ अपने भले में
.
क्या दोष दें
किसी को
जिम्मेदारी से भागते लोग,
जवाबदेही से दबे लोग,
हाथ नहीं
टांग खींचने वाले लोग,
ख्वाब दिखाया करते है,
हवाई चप्पल से हवाई जहाज
तक का सफर ।
भूखे लोगों की संख्या,
अस्सी करोड़
फिर भी फाइव ट्रिलियन मरोड़़
.
सुना नहीं था,
देशद्रोही शब्द,
नई खोज़ है शायद
इस दशक की,
इससे पहले गद्दार
हुआ करते,,