वो खुश है
वो खुश हैं
वाह वाह मिली
पूछो ज़रा उनसे
कहाँ से निकली।
पूरी उम्र वो इसी
मुगालते में रहे
आई जो हक़ीक़त
आह आह निकली।।
न जाने वो क्या
क्या लिखता है
मैं लिखूं न लिखूं
अच्छा लगता है।।
* सूर्यकान्त
वो खुश हैं
वाह वाह मिली
पूछो ज़रा उनसे
कहाँ से निकली।
पूरी उम्र वो इसी
मुगालते में रहे
आई जो हक़ीक़त
आह आह निकली।।
न जाने वो क्या
क्या लिखता है
मैं लिखूं न लिखूं
अच्छा लगता है।।
* सूर्यकान्त