वो खुश था
वो खुश था
मेरा दिल जब टूट रहा था
तब भी वो खुश था
मेरी आँखें जब रो रही थीं
तब भी वो खुश था
मेरी मोहब्बत जब सिसक रही थी
तब भी वो खुश था
मेरे रास्ते जब तन्हा हो रहे थे
तब भी वो खुश था
मेरे इश्क़ का जब जनाजा निकल रहा था
तब भी वो खुश था
मुझसे मेरी खुशियाँ जब छूट रहीं थी
तब भी वो खुश था
मेरी बातों मे जब मौन छा रहा था
तब भी वो खुश था
मेरे हाथों से मेरी जिन्दगी छीन कर
उसने खुद कि नयी जिन्दगी बसा ली
तब भी वो खुश था ।।।