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2 May 2020 · 1 min read

वो खुशी खुशी सब कुछ सेह लेता है

रात से सुबह होना यह जाहिर सी बात है,
चांद को काले धब्बे लगाना यह कहा कि रीत हैं,
महफूज़ नहीं वो चांद जो हर गली की सैर करता हैं,
ढका हुआ है सितारों से मगर फिर भी अकेला महसूस करता है।

जो खुश रखता है हर किसी को अपनी रोशनी से,
वह कहा खुशी से पलाबरा है,
ज़ख्मों की जागह अब भी बाकी है उसके दिल में,
फिर भी ऊपरी मुस्कान से जीने की आस लगाए फिरता है।

किसी शक्श ने कहा है कि,
जो हर किसी के साथ रहता है वह कहां दुखी होगा,
वह आदमी लाचार ही होगा,
जिसने यह सबब भी चांद से पूछा है।

चांद को हर एक का साथ नहीं मिला,
जिसका हाथ उसके माथे से गुजरा है,
उसने अपने दिल ए दिमाग को पथर बना लिया,
जिसने खुशी खुशी में भी धोका खाया हैं।

– Basanta Bhowmick

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 232 Views
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