वो खामोश सितारें
रातो की वो खामोश सितारें
ना जाने हमशे कुछ कहती है,
शशी की वो स्वेत किरण
ना जाने क्यों हम पर परती है,
शांत रजनी साथ में पादप
प्रकृति का ये अनोखा संगम
ना जाने क्या इशारा करती है,
शायद वो कुछ कहना चाहती है,
हर रात मैं उसे देखता
लेकिन मैं ना उसे समझता
फिर भी वह बताती है,
रातों की वो खामोश सितारें
ना जाने हमशे कुछ कहती है!
_ अभिनव