वो करेगी अब मुझे बदनाम यानी
अरकान-फ़ाइलातुन-फ़ाइलातुन-फ़ाइलातुन
तक़ती- 2122 2122 2122
★ग़ज़ल★
ये दलीलें और ये इल्ज़ाम यानी,
वो करेगी अब मुझे बदनाम यानी ?
बेवज़ह जो मशवरा देते रहे हैं,
अब करूँगा दूर से प्रणाम यानी।
हाल मेरा पूछते हो आज मुझसे,
लग गया है आज कोई काम यानी।
बोलते हैं जो अभी तोते के जैसे,
वो बिके हैं कौड़ियों के दाम यानी।
याद अब जाती नहीं है, आ रही है
तो करो एक काम, ले लो जाम यानी।
मैं नहीं जाता कभी भी बिन बुलाए,
भेज सकते थे मुझे पैग़ाम यानी।
खुश रखे माँ-बाप को जो भी हमेशा,
खुश किये हैं उसने चारों धाम यानी।
© प्रशान्त हरदोई