वो औरत
दोहा – वो औरत
वो देवी हैं वो दुर्गा , पूजे हर इंसान
वो औरत से ही बने, देश अपना स्त्री प्रधान
स्त्री अपमान जो करे , होत पापी समान
क्यू वो औरत ही सहे , तिरस्कार अपमान
© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)
दोहा – वो औरत
वो देवी हैं वो दुर्गा , पूजे हर इंसान
वो औरत से ही बने, देश अपना स्त्री प्रधान
स्त्री अपमान जो करे , होत पापी समान
क्यू वो औरत ही सहे , तिरस्कार अपमान
© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)