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11 Jul 2019 · 1 min read

वो अब रखता नही है वास्ता भी

वो अब रखता नही है वास्ता भी
हमें उससे नही कोई गिला भी

मरज़ कैसा है ये उल्फत का यारो
कहीं मिलती नहीं जिसकी दवा भी

मोहब्बत की है तूने दोस्त मेरे
मोहब्बत करके कुछ ह़ासिल हुआ भी

में अपने दिल से हूँ मजबूर वरना
हसीं दुनिया में हैं तेरे सिवा भी

वफा पर नाज़ था जिसकी ऐ आतिफ़
खबर क्या थी वही देगा दग़ा भी

इरशाद आतिफ़ अहमदाबाद

1 Like · 595 Views
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