Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2024 · 1 min read

वो अपने बंधन खुद तय करता है

वो अपने बंधन खुद तय करता है
✨️
वो कभी किसी की कैद में नहीं रहा

©️_दामिनी नारायण सिंह

45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुमसे रूठने का सवाल ही नहीं है ...
तुमसे रूठने का सवाल ही नहीं है ...
SURYA PRAKASH SHARMA
वो नौजवान राष्ट्रधर्म के लिए अड़ा रहा !
वो नौजवान राष्ट्रधर्म के लिए अड़ा रहा !
जगदीश शर्मा सहज
“ख़्वाब देखे मैंने कई  सारे है
“ख़्वाब देखे मैंने कई सारे है
Neeraj kumar Soni
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
जीवन में प्रेम और ध्यान को मित्र बनाएं तभी आप सत्य से परिचित
जीवन में प्रेम और ध्यान को मित्र बनाएं तभी आप सत्य से परिचित
Ravikesh Jha
खुशी ( Happiness)
खुशी ( Happiness)
Ashu Sharma
पर्वत दे जाते हैं
पर्वत दे जाते हैं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जब कभी आपसी बहस के बाद तुम्हें लगता हो,
जब कभी आपसी बहस के बाद तुम्हें लगता हो,
Ajit Kumar "Karn"
मेरे दो बेटे हैं
मेरे दो बेटे हैं
Santosh Shrivastava
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
इंसान और कुता
इंसान और कुता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
राही
राही
Neeraj Agarwal
नया नया अभी उजाला है।
नया नया अभी उजाला है।
Sachin Mishra
3227.*पूर्णिका*
3227.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
17रिश्तें
17रिश्तें
Dr .Shweta sood 'Madhu'
अधरों पर विचरित करे,
अधरों पर विचरित करे,
sushil sarna
अवधी स्वागत गीत
अवधी स्वागत गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
चांद पर भारत । शीर्ष शिखर पर वैज्ञानिक, गौरवान्वित हर सीना ।
चांद पर भारत । शीर्ष शिखर पर वैज्ञानिक, गौरवान्वित हर सीना ।
Roshani jaiswal
अहमियत हमसे
अहमियत हमसे
Dr fauzia Naseem shad
मां मेरे सिर पर झीना सा दुपट्टा दे दो ,
मां मेरे सिर पर झीना सा दुपट्टा दे दो ,
Manju sagar
"मृतक" के परिवार को 51 लाख और "हत्यारे" को 3 साल की ख़ातिरदार
*प्रणय प्रभात*
इतना रोई कलम
इतना रोई कलम
Dhirendra Singh
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
शेखर सिंह
सारे  ज़माने  बीत  गये
सारे ज़माने बीत गये
shabina. Naaz
देखकर प्यार से मुस्कुराते रहो।
देखकर प्यार से मुस्कुराते रहो।
surenderpal vaidya
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
रिश्ते और साथ टूटना कभी भी अच्छा नहीं है हमारे हिसाब से हर व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
" गारण्टी "
Dr. Kishan tandon kranti
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
कवि दीपक बवेजा
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...