Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2024 · 1 min read

वो अपनी नज़रें क़िताबों में गड़ाए

वो अपनी नज़रें क़िताबों में गड़ाए
बड़ी महंगी बदहाली में जी रहे थे,
मुश्किलें लाख थीं मगर
ख्वाब आंखों में पाले वो लड़ रहे थे।
थे सब इस इंतजार में कि अपने
संघर्षों का परिणाम लेकर आएंगे
बैठेंगे उस पद पर जहाँ देश के काम आएंगे
पर किसने सोचा था,
वे ख़्वाब निष्प्राण पुतलियों में दफन हो जाएगें
इन ख़्वाबों के सौदागर
उनकी जान तक बेच खाएंगे।
और सारा देश बस बैठ कर तमाशा देखेगा
करने को कुछ सहानुभूति व्यक्त करेंगे
और बाकी मौन रहकर अपनी कमियाँ ढ़ापेगें।।
-©® Shikha

33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
तेरे आने कें बाद से बदल गए है,
तेरे आने कें बाद से बदल गए है,
Vaishaligoel
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
gurudeenverma198
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
VINOD CHAUHAN
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
औरत की अभिलाषा
औरत की अभिलाषा
Rachana
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
चांद भी आज ख़ूब इतराया होगा यूं ख़ुद पर,
चांद भी आज ख़ूब इतराया होगा यूं ख़ुद पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
काम क्रोध मद लोभ के,
काम क्रोध मद लोभ के,
sushil sarna
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
Shubham Pandey (S P)
क्या हुआ ???
क्या हुआ ???
Shaily
कोई फ़र्क़ पड़ता नहीं है मुझे अब, कोई हमनवा हमनिवाला नहीं है।
कोई फ़र्क़ पड़ता नहीं है मुझे अब, कोई हमनवा हमनिवाला नहीं है।
*प्रणय प्रभात*
जमाना तो डरता है, डराता है।
जमाना तो डरता है, डराता है।
Priya princess panwar
सत्यमेव जयते
सत्यमेव जयते
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
माँ अपने बेटे से कहती है :-
माँ अपने बेटे से कहती है :-
Neeraj Mishra " नीर "
तू अपने दिल का  गुबार  कहता है।
तू अपने दिल का गुबार कहता है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
परोपकार
परोपकार
Neeraj Agarwal
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
रमेशराज के नवगीत
रमेशराज के नवगीत
कवि रमेशराज
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
तुझे किस बात ला गुमान है
तुझे किस बात ला गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
हार गए तो क्या हुआ?
हार गए तो क्या हुआ?
Praveen Bhardwaj
ओझल मनुआ मोय
ओझल मनुआ मोय
श्रीहर्ष आचार्य
"गुरु दक्षिणा"
Dr. Kishan tandon kranti
अधूरेपन की बात अब मुझसे न कीजिए,
अधूरेपन की बात अब मुझसे न कीजिए,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
इंसानियत खो गई
इंसानियत खो गई
Pratibha Pandey
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
Chaahat
24/236. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/236. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...