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30 Jun 2023 · 1 min read

वो अपना अंतिम मिलन..

वो अपना अंतिम मिलन..
भावों की दूब पर..
अनुभवों की चमकती बूॅंदों सा रुक गया!
भर गया तरल उम्मीदों की पॅंखुड़ियों से..
जीवन की थरथराती शाखों को।
और..
किसी मौन तिलिस्म की तरह..
सहेज गया मेरे मन में..
अपनी छलछलाती ऑंखों को!

रश्मि लहर

1 Like · 1 Comment · 357 Views

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