Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2017 · 1 min read

वोह समय कहाँ से लायूं मैं….

कैसे भुलायूं,कैसे बुलायूं
वोह समय कहाँ से लायूं मैं
वोह दादी की कहानी
इक राजा इक रानी
वोह नानी की ज़ुबानी
मछली जल की थी रानी
वोह बच्चों की टोली
मेरे हमजोली
वोह साथी कैसे भुलायूं मैं
वोह समय कहाँ से लायूं मैं

वोह गलियों की खेलें
वोह छुपा-छुपाई
वोह मिट्टी में लतपथ
कपड़ों की धुलाई
वोह अपनों की पीठ पर
घोड़े की सवारी
कंधों पे बैठ कर
चड़ती थी जो ख़ुमारी
अब हर कोई है व्यस्त
सैल-फ़ोन में मस्त
वोह कंधा कहाँ से लायूं मैं
अब घोड़ी किसे बनायूं मैं
वोह समय कहाँ से लायूं मैं

वोह सायें काल में
वोह दीपक का जलाना
वोह धूप जला के
वोह सीस झुकाना
फिर चटाई बिछा के
ज़मीन पे बैठ जाना
लबों से अपने
ईश्वर का नाम दोहराना
अब लैप टोप की आरती
टी.वी के दर्शन
वोह मंज़र कैसे बनायूं मैं
वोह समय कहाँ से लायूं मैं
हर कोई है व्यस्त
सैल-फ़ोन में मस्त
किसे भुलायूं , किसे बुलायूं
अब किस को पास बिठायूं मैं
वोह समय कहाँ से लायूं मैं
– राजेश्वर
(कपूरथला)

Language: Hindi
519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Rajeshwar Singh
View all
You may also like:
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
अंधेरे का रिसाव
अंधेरे का रिसाव
Kshma Urmila
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
Ravi Prakash
शे
शे
*प्रणय*
रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस
Indu Singh
तू ज़रा धीरे आना
तू ज़रा धीरे आना
मनोज कुमार
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
Sûrëkhâ
संतान
संतान
manorath maharaj
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
मुसीबत में घर तुम हो तन्हा, मैं हूँ ना, मैं हूँ ना
gurudeenverma198
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
ॐ नमः शिवाय…..सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के
Shashi kala vyas
दोहा 🌹💖
दोहा 🌹💖
Neelofar Khan
उसको देखें
उसको देखें
Dr fauzia Naseem shad
अच्छे   बल्लेबाज  हैं,  गेंदबाज   दमदार।
अच्छे बल्लेबाज हैं, गेंदबाज दमदार।
गुमनाम 'बाबा'
प्रदाता
प्रदाता
Dinesh Kumar Gangwar
3249.*पूर्णिका*
3249.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और
कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और
Rj Anand Prajapati
एक ऐसी रचना जो इस प्रकार है
एक ऐसी रचना जो इस प्रकार है
Rituraj shivem verma
*चाहत  का  जादू छाया है*
*चाहत का जादू छाया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
I'm always with you
I'm always with you
VINOD CHAUHAN
प्रणय गीत --
प्रणय गीत --
Neelam Sharma
मेरे प्रेम पत्र 3
मेरे प्रेम पत्र 3
विजय कुमार नामदेव
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हमारा ये जीवन भी एक अथाह समंदर है,
हमारा ये जीवन भी एक अथाह समंदर है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
करना है कुछ खास तो, बनो बाज से आप।
करना है कुछ खास तो, बनो बाज से आप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रेम
प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन
जीवन
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
|| तेवरी ||
|| तेवरी ||
कवि रमेशराज
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
Loading...