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8 Apr 2021 · 1 min read

वोटों के सौदागर

जनता को नींद में झोंका और अपने लिए चादर बन गए।
दूजे की चीज तीजे को दे दिया और करुणाकर बन गए।
जिनको देखकर जम्भाई आती हो मतदाताओं को,
वही ग़रीबो के मसीहा और वोटों के सौदागर बन गए।
– सिद्धार्थ पाण्डेय

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Comment · 231 Views
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