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2 Apr 2024 · 1 min read

वैर भाव नहीं रखिये कभी

वैर भाव नहीं रखिये कभी
कहीं गांठ नहीं पड़ जाए
फटे दूध मथने पर भी कभी
मक्खन नहीं निकल पाए

पारस नाथ झा

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