वैज्ञानिक चेतना
भारतीय संविधान
कहता है कि
देश में
‘वैज्ञानिक चेतना’ का
प्रचार-प्रसार
होना चाहिए।
अगर संविधान के
इस आदेश का
पालन हुआ होता तो
आज हमें
किसी महामारी से
निपटने के लिए
यूरोप और अमेरिका में
बनने वाली दवाओं का
मुंह नहीं देखना पड़ता।
इतनी-सी बात
उल्लू के पट्ठों को
अब कौन समझाए!