Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2023 · 1 min read

वेलेंटाइन डे

वेलेंटाइन डे

“हेलो…”
“कैसी हो जानू ?”
“मैं ठीक हूं, आप आ रहे हैं न आज ?”
“सॉरी मेरी जान ! एक जरूरी मिटिंग अटैंड करनी है। मैं परसों लौटूंगा। आज की टिकट कैंसिल करानी पड़ी।”
“पर आप तो आज आने वाले थे। फिर ये मिटिंग वह भी यूं अचानक…. ?”
“सॉरी डियर। मैं समझ सकता हूं तुम्हारी स्थिति। मजबूरी है वरना शादी के बाद पहली वेलेंटाइन डे पर हम यूं दूर नहीं होते। अच्छा ये बताओ, वेलेंटाइन डे पर मेरी भिजवाई डायमंड नेकलेस वाली गिफ्ट तुम्हें कैसी लगी ?”
“खोला नहीं है मैंने अब तक। सोच रही थी तुम्हारे सामने ही खोलूंगी। पर…”
“सॉरी यार मधु। देखो मेरी मजबूरी समझने की कोशिश करो। अच्छा परसों मिलते हैं। अब फोन रखता हूं। बाय, लव यू डार्लिंग। ऊं… आं…”
उधर से फोन कट गया। उसकी नई खूबसूरत स्टेनो जो सज-धज कर आ गई थी। वह बिना देर किए उस नवयौवना के कमर में हाथ में डालकर शॉपिंग कराने ले गया।
“मेमसाहब, आज आधे दिन की छुट्टी चाहिए थी।” इधर दोनों हाथ जोड़े ड्राईवर खड़ा था।
“क्यों ?”
“ऐसे ही मालकिन कुछ काम है।”
“कुछ काम है मतलब ? क्यों चाहिए छुट्टी ?”
“वो क्या है ना मैडमजी, हमारी शादी के बाद की आज 25 वीं वेलेंटाईन डे है और हम पति-पत्नी … आज… पिक्चर देखने जाना चाहते हैं.” बहुत मुश्किल से कह सका।
उसकी मनोदशा और पच्चीस साल बाद भी अपनी पत्नी के प्रति प्रेमभाव को देख वह भला कैसे मना कर सकती थी.
-डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

154 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Forget and Forgive Solve Many Problems
Forget and Forgive Solve Many Problems
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
अगर दुनिया में लाये हो तो कुछ अरमान भी देना।
Rajendra Kushwaha
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
निज़ाम
निज़ाम
अखिलेश 'अखिल'
अधखिला फूल निहार रहा है
अधखिला फूल निहार रहा है
VINOD CHAUHAN
शरणागति
शरणागति
Dr. Upasana Pandey
शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
Dr.Priya Soni Khare
■ लघुकथा / क्लोनिंग
■ लघुकथा / क्लोनिंग
*प्रणय*
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
gurudeenverma198
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
'कोंच नगर' जिला-जालौन,उ प्र, भारतवर्ष की नामोत्पत्ति और प्रसिद्ध घटनाएं।
'कोंच नगर' जिला-जालौन,उ प्र, भारतवर्ष की नामोत्पत्ति और प्रसिद्ध घटनाएं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ख़ाइफ़ है क्यों फ़स्ले बहारांँ, मैं भी सोचूँ तू भी सोच
ख़ाइफ़ है क्यों फ़स्ले बहारांँ, मैं भी सोचूँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
विनती
विनती
Saraswati Bajpai
" तुम "
Dr. Kishan tandon kranti
रास्तों के पत्थर
रास्तों के पत्थर
Lovi Mishra
कितने बदल गये
कितने बदल गये
Suryakant Dwivedi
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
Phool gufran
भ्रातत्व
भ्रातत्व
Dinesh Kumar Gangwar
Readers Books Club:
Readers Books Club:
पूर्वार्थ
2985.*पूर्णिका*
2985.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* मंजिल आ जाती है पास *
* मंजिल आ जाती है पास *
surenderpal vaidya
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़
पहले नदियां थी , तालाब और पोखरें थी । हमें लगा पानी और पेड़
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
छल छल छलका आँख से,
छल छल छलका आँख से,
sushil sarna
V9Bet là sân chơi cá cược thu hút được đông đảo cược thủ tha
V9Bet là sân chơi cá cược thu hút được đông đảo cược thủ tha
V9bet
Loading...