वेबजह परेशान
तू वेशक प्यार किसी गैर से कर
पर इसकी खबर मुझे न लगने दे
तू ये हवा अपने गिरफ्त में ही रख
इसे बिल्कुल बाहर न निकलने दे
गैर के साथ गवारा नहीं तेरा नाम
मैं सिर्फ सोंच के बैचेन हो जाता हूं
मेरी मोहब्बत कुबूल नहीं तो न सही
पर गुजारिश है तू इसे यूं ही चलने दे