वेदना
दृश्य बनते है बिगड़ते है ,
रंग सजते है बिखरते है I
वेदना आंख में सिमटती जब
अश्रु मन की सतह को रंगते है I
दृश्य बनते है बिगड़ते है ,
रंग सजते है बिखरते है I
वेदना आंख में सिमटती जब
अश्रु मन की सतह को रंगते है I