Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2022 · 1 min read

वेदनाओं का हृदय में नित्य आना हो रहा है, और मैं बस बाध्य होकर कर रहा हूँ आगवानी।

#बहुत_दिनों_बाद_पुनः_एक_गीत_आप_सभी_के_समक्ष
~~~~~~~~~~~~~|||||||||||~~~~~~~~~~~~

वेदनाओं का हृदय में नित्य आना हो रहा है,
और मैं बस बाध्य होकर कर रहा हूँ आगवानी।

जन्म लेकर कोख से ही और उस पर वार करना,
लाभ के पथ का वरण कर खाक से ही प्यार करना।
मर रही संवेदना को देखना कुछ कह न पाना,
मानवी गुण के क्षरण की क्षुब्ध हो बस गीत गाना।

शूल बन अवगुण मनुज का वक्ष में धसने लगा है,
और मैं सुसाध्य बनकर कर रहा हूँ आगवानी।।

दम्भ ईर्ष्या द्वेष के फल बिक रहे चहुँओर देखो,
हर तरफ तम का है पहरा छिप गयी है भोर देखो।
टूटते संबंध की चहुँदिस लगी कैसी झड़ी है,
सभ्यता निर्वाण के पथ चल पड़ी दुष्कर घड़ी है।।

अब मनुजता के पतन की वेग है सचमुच तूफानी,
और मैं बस माध्य बनकर कर रहा हूँ आगवानी।

भाव अनुकम्पा हृदय से है मनुज के अब नदारद,
धर्म पथ से हैं विमुख वे जग जिन्हें कहता विशारद।
आपसी मतभेद कम मनभेद ही चलने लगा है,
भ्रात के उत्थान से भ्राता यहाँ जलने लगा है।

हे ! जगतपालक करो कुछ हाथ जोड़े जग खड़ा है,
और मैं भी राध्य बनकर कर रहा हूँ आगवानी।।

संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 573 Views
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

*जाने कब अब उन से  कुर्बत होगी*
*जाने कब अब उन से कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विनती
विनती
Mahesh Jain 'Jyoti'
रिश्ते भूल गये
रिश्ते भूल गये
पूर्वार्थ
#मेरी डायरी#
#मेरी डायरी#
Madhavi Srivastava
वो कौन थी
वो कौन थी
डॉ. एकान्त नेगी
वार
वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
Ashwini sharma
निबंध
निबंध
Dhirendra Singh
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मुलाकात
मुलाकात
Santosh Soni
Connectivity of a nature is a intelligency of future.
Connectivity of a nature is a intelligency of future.
Rj Anand Prajapati
मैं जिससे चाहा,
मैं जिससे चाहा,
Dr. Man Mohan Krishna
O God, I'm Your Son
O God, I'm Your Son
VINOD CHAUHAN
शनि देव
शनि देव
Rambali Mishra
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
// प्रसन्नता //
// प्रसन्नता //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
یہ وہ وقت ہے
یہ وہ وقت ہے
Otteri Selvakumar
"लावा सी"
Dr. Kishan tandon kranti
इनपे विश्वास मत कर तू
इनपे विश्वास मत कर तू
gurudeenverma198
खामोशियों
खामोशियों
manjula chauhan
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
स्त्री।
स्त्री।
Kumar Kalhans
Expectation is the
Expectation is the
Shyam Sundar Subramanian
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
- गुमनाम लड़की -
- गुमनाम लड़की -
bharat gehlot
खुदा सा लगता है।
खुदा सा लगता है।
Taj Mohammad
"वक्त की बेड़ियों में कुछ उलझ से गए हैं हम, बेड़ियाँ रिश्तों
Sakshi Singh
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
Loading...