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17 Jul 2021 · 1 min read

“वृक्ष”

“वृक्ष”
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वृक्ष हमें देते, फल और छाया:

होती इसकी , अनोखी काया।

मुक्त करते ये, वायु प्राणरक्षी;

बैठते इसपर, रंग-बिरंगे पक्षी।

वृक्ष होते , बहुत ही दयावान;

डालें और पत्ती भी करते गान।

पर मानव होते, कितने कसाई;

रह-रहकर करे, इसकी कटाई।

छूटते जब भी , मानव के प्राण;

कटकर भी आते, वृक्ष ही काम।

जागो मानव, अब तुम बचालो;

अपने वृक्ष के, हर आवरण को;

सबके जीवन और पर्यावरण कोI

***********?************

…✍️प्रांजल
…..कटिहार।

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