वृंदाबन महिमा (मत्त सवैया-ब्रज भाषा)
🙏
!! श्रीं ।।
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
🦚
!!श्रीं !!
वृंदावन महिमा
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नीकौ लागै अति वृंदाबन,
जीवन है धन्य गयौ बितनौ ।
बैकुंठ बास सौ इत लागौ,
जीवन जाकौ बीतौ जितनौ ।।
हैं धन्य लता, तरु, पात यहाँ,
आनंद बताऊँ है कितनौ ?
मन बन्यौ मोरनी सौ किलकै,
या रज ते मोरा-सौ चितनौ ।।(३)
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राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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