वीर सिपाही
वीर सिपाही
सींचा है लहू से चमन को,
खरपतवार न उगने देंगे।
महकाएंगे सींच वतन को,
भारत को न बंटने देंगे ।
लाई है तूफानों से कश्ती,
कैसे जाकर उन वीरों ने।
बरसों से जंग लड़ते रहे,
बहु यातना सही धीरों ने ।
शोलों और शरारों पर चलके,
वह कदम -कदम जब रखते थे।
रोती थी भारत माता तब,
अंबर से आंसू निकलते थे ।
करें रुदन हिमालय पर्वत
अब दुश्मन को न आने देंगे
न चाहिए रक्तपात गुलामी
न देश में पग धरने देंगे ।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि०प्र०)