Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2024 · 1 min read

वीरांगनाएँ

सर्वस्व लुटाया जिन महिलाओ ने
भुला दिया क्यों उनको गाथाओं में

दुधमुंहे बच्चो की वो मातायें
जली अग्नि में जीवित ये चिताएं

आओ उनको भी नमन करें हम
उनके नामो को कहीं लिखें हम

शब्दों की एक माल सजाएँ
आज उनको सम्मान दिलाएं

मंगल सूत्र भी बेचे हैं कितनो ने
वस्त्र आभूषण दिए कितनो ने

कितनो ने स्वयं बाजार बनाये
वैश्या के इलजाम लगवाये

दिया धन – शस्त्र क्रांति को
उनका हम जयकारा लगायें

एक दिन वन्दे मातरम कहकर
उनको चरणों में शीश झुकाएं

विजय स्तम्भ निर्मित करवायें
उनके नाम भी अंकित करवाएं

मिली स्वतंत्रता कैसे हमको
भावी पीढ़ी को आज बताएं

भरे आँख तो भर जाने दो
गिरे अश्रु तो गिर जाने दो

आक्रोश अगर आ जाए तब भी
सुन रक्त उबल जाए तन तब भी

आओ एक हुंकार लगायें
जय भारती कह के बुलाएं

सोई जनता को आज जगाएं
श्रद्धासुमन अर्पित कर पायें

Language: Hindi
51 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
Mahima shukla
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
*कण-कण में तुम बसे हुए हो, दशरथनंदन राम (गीत)*
Ravi Prakash
अच्छा लिखने की तमन्ना है
अच्छा लिखने की तमन्ना है
Sonam Puneet Dubey
दिल एक उम्मीद
दिल एक उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
इस हसीन चेहरे को पर्दे में छुपाके रखा करो ।
Phool gufran
3261.*पूर्णिका*
3261.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैंने जलते चूल्हे भी देखे हैं,
मैंने जलते चूल्हे भी देखे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मीनाबाजार
मीनाबाजार
Suraj Mehra
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
■ प्रणय का गीत-
■ प्रणय का गीत-
*प्रणय*
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
Jitendra kumar
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
Taj Mohammad
बख़ूबी समझ रहा हूॅं मैं तेरे जज़्बातों को!
बख़ूबी समझ रहा हूॅं मैं तेरे जज़्बातों को!
Ajit Kumar "Karn"
कविता -नैराश्य और मैं
कविता -नैराश्य और मैं
Dr Tabassum Jahan
🚩अमर कोंच-इतिहास
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
वसंत की बहार।
वसंत की बहार।
Anil Mishra Prahari
"सिक्का"
Dr. Kishan tandon kranti
आँचल की छाँह🙏
आँचल की छाँह🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रेत और जीवन एक समान हैं
रेत और जीवन एक समान हैं
राजेंद्र तिवारी
काम
काम
Shriyansh Gupta
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
अंताक्षरी पिरामिड तुक्तक
अंताक्षरी पिरामिड तुक्तक
Subhash Singhai
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
भारत के राम
भारत के राम
करन ''केसरा''
इस बरखा रानी के मिजाज के क्या कहने ,
इस बरखा रानी के मिजाज के क्या कहने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
झुकना होगा
झुकना होगा
भरत कुमार सोलंकी
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
कुछ तो स्पेशल देख परिंदे।
पंकज परिंदा
Loading...