“वीरता-सम्मान” #100 शब्दों की कहानी#
भारतीय वायुसेना हमले में शामिल पायलटों को उनकी बहादुरी के लिए वायुसेना मेडल वीरता-सम्मान देने की योजना बना ही रही थी, उसी दौरान पायलट सुबेदार की दुश्मन विमान का बहादुरी से सामना करते हुए विमान क्रैश होकर नीले समुद्र में जा गिरा,पर कोई जानकारी नहीं मिली ।
पायलटों को युद्ध के दौरान विमान का समुद्र में बचाव की ट्रेनिंग देने नाव से ले जा रहे थे, तब रेस्क्यू टीम द्वारा बताने पर उनको पूरे देश ने सेल्यूट करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए, उनकी पत्नी ने वीरता-सम्मान गौरवान्वित होकर ग्रहण करते हुए उभरते विमान की छवि यादों में संजोकर रखी ।